भ्रष्टाचार को बढ़ावा हम और आप देते है। ये सब जानते हुए कि अमेठी के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति ने जो कुछ आर्थिक साम्राज्य खड़ा किया, वो उनके वेतन या बिजनेस से मेल नहीं खाता है, फिर भी लोग उसके साथ है। ईडी अभी भी चुप है। सभी मामले ठंडे बस्ते में है। कुछ लोग कहते है कि गंदी राजनीति हो रही है। हो सकता है लेकिन कानून संविधान के दायरे में उनको पूरी छूट है कि अपना पक्ष रखें। कृपया निम्न तथ्यो को पढ़ें।
(1) 2016-17 में रेप पीड़िता महिला ने विश्वास हासिल कर, अमेठी के 6 लोगों पर आपत्तिजनक आरोप लगाया, जेल के अंदर करवाया। फिर 2019-20 में केवल मंत्री को ब्लैकमेल किया, अकूत संपत्ति अपने नाम कराकर, बयान दिया कि मंत्री निर्दोष हैं (बाकी क्यों नहीं)। अखबारों में निकाला गया, सोशल मीडिया चला- सत्यमेव जयते। इस बाबत महिला ने कोर्ट में शपथ पत्र दिया और अपने पूर्व सहयोगी राम सिंह लोध, जिसके साथ रहती थी, को मंत्री को फंसाने का साजिशकर्ता बताया। FIR भी राम सिंह लोध के नाम दर्ज हो गयी। जानकारी के लिए वही राम सिंह लोध है जो 2 साल पहले रेप पीड़िता की बड़ी बेटी के साथ विवाह कर चुका है। वो क्या क्या लेकर भागी है सब उससे संबंधित FIR में है। रेप पीड़िता ने राम सिंह लोध पर लडकी भगाने, जेवर व सामान हडपने धमकी देने जैसे आरोप लगा रही थी। शायद उस केस में वो असफल रही। अतः फिर राम सिंह लोध को सबक सिखाने हेतु, मंत्री को भी शामिल किया।
(2) जब कुछ नहीं हुआ तो पिछले एक साल से लखनऊ में रेप पीड़िता, मंत्री जी उनके परिवार से मुलाकात करने लगी। इस दौरान एक बयान के लिए, करोड़ो की संपत्ति दी गयी। लखनऊ में, अमेठी के तमाम लोग इस महिला से मिले है। इसने लखनऊ दिल्ली कर्वी में मकान व मोहनलाल गंज की जमीन लिया जो आन रिकार्ड बताई जाती है। इसमें नगद कितना है उसकी उम्मीद, आप कर ही नहीं सकते। दामाद राम सिंह लोध को सबक सिखाना भी, रेप पीड़िता महिला की प्राथमिकता थी। कोर्ट कचहरी का भी मामला था अतः इस सबमें एक विश्वसनीय व योग्य वकील साहब भी थे। एक तरफ महिला के लिए खजाना खुला था तो दूसरी तरफ वकील साहब अपनी फीस की मांग कर रहे थे। व्यक्तिगत इलाज (महिला के बयान के आधार पर नहीं) पर अंतरिम जमानत मंत्री को तो मिल गयी तो वकील तय फीस माँगने लगे। फीस के बदले उनको धमकी मिली। वकील साहब गाजीपुर थाना लखनऊ पहुँच गये और कई प्रमाण दिए। अतः पुनः मंत्री जी पर नया FIR दर्ज हुआ, गिरफ्तारी हुई और 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिए गये। इसमें वकील आपका, फीस माँगने पर, हडकाने धमकाने मारने की गलती आपकी? कहाँ है गंदी राजनीति?
(3)अन्तरिम जमानत मिलने के तुरंत बाद, दूसरे दिन गौतमपल्ली लखनऊ के क्राईम ब्रान्च को 2 इंस्पेक्टर ने, रेप पीड़िता के वांछित दामाद राम सिंह लोध लखनऊ से गिरफ्तार करती है। कई धाराओं में अंदर जेल में डाल देती है। 2 दिन वो जेल में रहता है। परिवार अदालत जाता है और अदालत में सारे प्रमाण पेश होते है। विभागीय कार्यवाई में पता चलता है कि ये सब तो भ्रष्टाचार व लेनदेन की वजह से रामसिंह अंदर है। राम सिंह लोध तो निर्दोष है। योगी सरकार की कार्यवाई होती है और गलत मामले मे फंसाने व जेल भेजने के आरोप में, दोनो इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया जाता है। महिला और उसकी छोटी बेटी को साजिशकर्ता माना जाता है। कहाँ है गंदी राजनीति?
ये महज दो मामले है जो भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है। दुख इसलिए है कि कुछ लोग, इसमें राजनीति देखते है और मंत्री को महिमामंडित करते है। मेरी उनसे न व्यक्तिगत जान पहचान है न मैने एक पैसे का लाभ लिया है। मेरी मंत्री के प्रति सहानुभूति है। वो स्वस्थ रहे जल्दी रिहा हो। सभी लोग निर्दोष साबित हो। अमेठी में इन्होंने काम किया है जो कि झुठलाया नहीं जा सकता है। बहुत लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया है। दुःख भी है कि सैकड़ों करोड़ खर्च करके, अकूत काम करके, चुनाव में अपनों की वजह से हारे है। इनके लोगों को याद दिलाना चाहता हूं कि वो पोलिग बूथ अमेठी का जब भाजपा नेत्री श्रीमती रश्मि सिंह से अंहकार व घमन्ड में झडप हुई थी। याद दिलाना चाहता हूं वो दिन जब तमाम अपशब्द इनके लोगों ने मंच या गाँवो में अपने तत्कालीन दोनों विरोधी महिला उम्मीदवारो को किए थे? जनता ने चुनाव हराकर, धन दौलत घमन्ड को चकनाचूर कर दिया था। नारी का सम्मान स्वाभिमान करना सीखना होगा। अमेठी के नेता कहते हैं कि महिला लोकसभा उम्मीदवार के नजदीकी होने कारण ये PGI लखनऊ में रह रहे हैं और अपने लोगों से मिल रहे हैं।
अमेठी के लोगों यह राजनीति नहीं है, समय का चक्र है।