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सवांदाता- गौरव त्रिपाठी, मीरजापुर
मीरजापुर- गुरु-पूर्णिमा पर मद्धिम पड़ी गुरु की जय-जयकार का लाभ कोरोना उठा ले गया । जिले में उसी का डंका फिलहाल कई दिनों से बज रहा है लेकिन रविवार को उसने घण्टा-घड़ियाल भी बजा दिया । हेल्थ विभाग के दुश्मन-खोज अभियान की शुरुआत में ही नगर के घण्टाघर में उपद्रव का घण्टा बजा लेकिन पुलिस अधिकारियों ने इस घण्टे की क्षण-भर में हवा निकाल दी लेकिन नगर के गणेशगंज में मातम का घण्टा बज ही गया, जहां एक कपड़ा व्यवसाई को कपड़े में लपेटकर कोरोना यमराज के यहां पहुंचा दिया ।
*मृत्यु पहले रिपोर्ट बाद में आई* प्रतिष्ठित कपड़ा व्यवसाई की मृत्यु कोरोना-काल में हुई, इसलिए लोग चौंक गए । 70 वर्ष के रविन्द्र सिंह मूंगा की मृत्यु दौराने-इलाज BHU में शनिवार, 4 जुलाई को ही हो गई थी लेकिन रिपोर्ट 5 जुलाई को आई ।
4 साल से लीवर-सिरोसिस (पैंक्रियाज) का इलाज चल रहा था* स्व रविन्द्र सिंह 4 साल से उक्त बीमारी का इलाज कानपुर से कर रहे थे। 2 दिन पूर्व उन्हें सांस लेने में कठिनाई हुई । नटवा के एक चिकित्सालय में गए जहां BHU जाने की सलाह दी गई। 4 जुलाई को कोरोना टेस्ट होते ही उनकी मृत्यु हो गई। रिपोर्ट बाद में पॉजिटिव आई ।
दरोगा जी उम्रदराज जबकि कांसिटेबिल नई उम्र के रविवार की पॉजिटिव रिपोर्ट जिधर सबकी निगाह गई, उसमें पुलिस आफिस के 5 संक्रमितों का मामला था । इसमें दरोगा जी तो सेवा के आखिरी पड़ाव पर हैं लेकिन सिपाही सब नए हैं ।
घर-घर जांच में हुआ बवाल-पुलिस हरकत में रविवार से कोरोना की जांच घर-घर जाकर हुई। 10 दिनों की बड़ी जांच है लेकिन आपाधापी के चलते कोई उद्घाटन समारोह नहीं हुआ। प्रात: 8 बजे से नगर सहित सभी 12 ब्लॉकों की टीम मूवमेंट हो गई लेकिन घण्टाघर में एक व्यक्ति जांच टीम की महिला से घर पर आने से नाराज होकर बवाल कर बैठा । क्यों आई, अभी तक कहाँ थी, जब केस बढ़ गए तब आई हो?* जैसे सवाल पर व्यतिक्रम पड़ गया। CO नगर श्री सुधीर कुमार और प्रभारी इंस्पेक्टर, सिटी कोतवाली श्री रविन्द्र यादव एलर्ट हुए। शांतिभंग की कार्रवाई के बाद गाड़ी आगे बढ़ी ।
गर्भवती महिला की मृत्यु और हंगामा बवाल का घर बने घण्टाघर में दो बेटियों की मां 9 माह गर्भ में पाले शिशु को जन्म देने के पूर्व रविवार को चल बसी। उसे डिलीवरी-पेन हुआ । अस्पताल ले गए घर के लोग लेकिन अस्पताल की दुर्व्यस्था के कारण मां तथा धरती पर आने के पजलहले शिशु दोनों अलविदा बोल दिए। फिर तो हंगामा होना ही था। पुलिस के हस्तक्षेप से मामला ठंडा हुआ।
पूर्णिमा के चांद को विदा कराकर जाएंगे घर डॉक्टर्स
एकाएक 29 केस आने से आइसोलेशन सेंटर हाउस-फूल में पहुंच गया है। इन्हें रखने की व्यवस्था में देर रात तक हेल्थ विभाग का हेल्थ खुद ही डगमगाता दिखा ।
गौरव त्रिपाठी मीरजापुर