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सवांदाता- रमेश प्रजापत, अलवर
अलावड़ा।मानसून की दस्तक के साथ ही बाजार इस मौसम की लजीज मिठाइयों से महकने लगा है। इस मौसम में घेवर की सबसे अधिक डिमांड होती है और अलावड़ा का घेवर अपनी खास मिठास और स्वाद के लिए देशभर में मशहूर है। दुकानदार मांग के अनुरूप घेवर तैयार कर रहे हैं। गांव की लगभग सभी छोटी-बड़ी मिठाई की दुकानें घेवर से सजने लगी हैं।दुकानदार घेवर बनाने में व्यस्त हो गए हैं।घेवर की बिक्र सावन के महीने में ही होती है।जैसे-जैसे रक्षा बंधन शिवरात्रि तीज नजदीक आएगी घेवर अन्य वस्तुओं की मांग बढ़ेगी।सावन के मौसम की स्पेशल मिठाई 'घेवर' मिठास घोलने के लिए तैयार है। कारीगर इसे तैयार करने में जुटे हैं। बाजार में दुकानों पर घेवर बिकने लगा है। इसकी खुशबू ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने लगी है। सावन की इस खास मिठाई को तैयार कर बेचने के लिए दुकानदारों ने अपनी अलग वैराइटी भी बाजार में पेश कर रहे हैं।इन वैराइटी के आधार पर ही दुकानदार ग्राहकों को अपनी ओर लुभाने का प्रयास कर रहे हैं।अलावड़ा की बात करें तो यहां का हर हलवाई और मिठाई की दुकान पर इन दिनों घेवर की बिक्री होती है। सावन में तीज के अवसर पर बहन-बेटियों को ¨सदारा दिया जाता है। यहां परंपरा है कि इसमें घेवर होना अवश्यक होता है। सावन में इस मिष्ठान की मांग को पूरा करने के लिए छोटे से लेकर प्रतिष्ठित हलवाई महीनों पहले से इसकी तैयारी शुरू कर देते हैं। गांवों में बनने वाले घेवर का स्वाद अन्य जगहों की तुलना में बेहतर माना जाता है और अलावड़ा में बना घेवर अलवर से लेकर दिल्ली में प्रसिद्ध है।वैसे तो सामान्य रूप से दो ही तरह के घेवर बाजार में दिखाई देता है, एक सादा मीठा घेवर व दूसरा मावा युक्त घेवर, लेकिन इस बार बाजारों में तरह-तरह के घेवरों की कई वैराइटी देखने को मिल रही हैं। कस्बा अलावड़ा के मुख्य बाजार में मिठाई की दुकान करने वाले आनंद गोयल ने बताया कि इस बार सादा और मावा घेवर के अलावा उनकी दुकान पर कई तरह की वैराइटी घेवर में तैयार की गई हैं। इनमें मलाई घेवर और केसर घेवर की डिमांड अधिक है।घेवर की कीमत उसकी वैराइटी के अनुसार रखी गई है।जैसी लागत वैसे ही उसके दाम रखे गए हैं।
अलावड़ा।सावन में मिठाई की दुकान पर घेवर बनाता कारीगर।
राज्य राजस्थान जिला अलवर तहसील रामगढ़ रमेश प्रजापत अलावडा