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तेजस्वी न्यूज़ लाइव उत्तर प्रदेश
सवांदाता- कमल कश्यप, सहारनपुर
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सहारनपुर- थाना नागल क्षेञ के रहने वाले एक विकलांग पञकार को उसके भाई सहित पुलिस द्वारा दर्ज एक झूठे मामले जेल भेजने का यह सनसनी खेज मामला प्रकाश में आया हे। नागल पुलिस द्वारा इस विकलांग पञकार का इस कदर उत्पीड़न किया गया,यदी आप सुनेंगे तो आप दांतो तले उंगलिया दबा लेंगे। हम आपको बताते हे कि जेल में बन्द इस पञकार को पुलिस द्वारा किस कदर उत्पीडित किया गया। नागल क्षेञ का यह पत्रकार इखलाक अहमद 30 मार्च 2020 को लगभग सुबह 10:00 बजे अपनी गली के बाहर खड़ा किसी मामले की कवरेज कर रहा था, उस वक्त मेडिकल स्टोर मालिक के अलावा अन्य कोई व्यक्ति वहां मौजूद नहीं था। कि अचानक नागल थाने की एक जीप वहां आकर रुकी जिसमें मोजूद उपनिरीक्षक साजिद, अमित मान, रोहित ने आते ही पत्रकार की टांगों पर लाठियां भांजनी शुरू कर दी,जब इखलाक ने स्वम को पत्रकार बताया, पञकार ने अपना परिचय पञ तक दिखाया तथा ऐसा करने कि पुलिस से जब वजह पुछी गई तो इस गुण्डई पुलिस ने उक्त पञकार के साथ गाली ग्लोच करते हुए उसे धमकी दे डाली कि हम किसी परिचय पञ को नहीं मानते ऐसे परिचय पञ कुढे मे पडे बहुत मिल जायेंगे। पीड़ित पत्रकार ने एस,एस,पी,एवम जिलाधिकारी सहारनपुर,तथा मुख्यमंत्री पोर्टल पर प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई बावजुद इसके कोई संतोषजनक कार्यवाही नहीं हुई,और उल्टा पीड़ित पत्रकार पर समझौते के लिए पुलिस ने दबाव बनाना प्रारंम्भ कर दिया। जब पीड़ित पत्रकार ने समझौता नहीं किया तो अगले दिन पत्रकार के भाई के साथ पड़ोस मे ही विवाद में,पुलिस द्वारा विपक्षीगण को प्रभाव में लेकर कई संगीन धाराओं मे झूठा मुकदमा दर्ज कर पीड़ित पत्रकार को उसके भाई सहित जेल में भेज दिया गया। पीड़ित पत्रकार द्वारा एसएसपी डीएम वह मुख्यमंत्री तक को न्याय की गुहार लगाई थी,बावजूद इसके इस गुण्डई पुलिस अपनी कथनी एवम करनी मे कोई कसर बाकि नही छोडी। अब आप नागल पुलिस की दबंगता को महसूस कर सकते हैं,इन्होंने इस विकलांग पञकार के साथ क्या कुछ किया नही होगा। पीड़ित पत्रकार व उसके भाई के जेल जाने के बाद,विपक्षीगण भारी संख्या मे इकट्ठे होकर आएं और पत्रकार की पत्नी सना के साथ घर मे घुस कर बदतमीजी की और कपड़े फाडे तथा गंदी गंदी गालियां देकर वहां से फरार हो गये,जब इस घटना कि सूचना पत्रकार की पत्नी नागल थाने देने पहुंची तो पुलिस ने उसे थाने से ही डरा धमकाकर भगा दिया।सूञो से हमें यह भी मालूम हुआ हे कि अपने आप को नागल क्षेञ का मठाधीश समझने वाले कुछ तथाकथित पञकारो के विपक्षी पार्टी से मिली भगत के बाद ही इस कार्य को अंजाम दिया गया।