जो कृषि अधिकारी व पायरेशी कंपनी व बायर के स्टाफ व फोर्स के साथ जो छापे मारी की गई थी वह निजी प्रति स्पर्धा की वजह से फर्म को बदनाम करने व ये सिर्फ जातिवाद को बढ़ावा देने व दूसरी जाति के दुकानदारों को बदनाम करने के लिए बनाया गया है और अब हमें ये लगता है कि हमारे दुकान पर बायर कंपनी के स्टाफ द्वारा जान बूझकर मेरे दुकान पर एक एक पैकेट गलत दवा रखवाया गया था क्योंकि जिस दवा का नाम आया है वह मेरे यहाँ दूसरा पीस नहीं था मैं उस समय दुकान पर भी नही था जो लड़का मेरी दुकान पर बैठा था इतनी बड़ी फोर्स देखकर डर गया और मेरे पहुंचने से पहले ही सब कुछ हो गया था और जिसे डुप्लीकेट कहा गया वह माल भी बायर कंपनी के स्टाफ द्वारा ले लिया गया अब इसमें बायर कंपनी के स्थानीय स्टाकिस्ट द्वारा हमें व हमारी फर्म को बदनाम करने हेतु साजिश की बू आ रही है कि एक गैर जाती का ब्यक्ति कैसे इस धंधे में आ गया हमारे अगल बगल 95% सिर्फ एक जाति का कब्जा है इस धंधे में हमें सिर्फ ब्राह्मण जाति का हो कर इस धंधे में आने का विरोध स्वरूप ये कार्यवाही एक दुकान द्वारा कराई गई है क्योंकि अन्य सभी दुकानदारों को पहले ही बता दिया गया था कि टीम छापे मारी करने आ रही है और सारी दुकान बंद हो गई थी और बायर कंपनी के स्टाफ सीधे मेरी दुकान पर आए हमने इसपर काफी लोगों से बात चीत की जिससे ये स्पष्ट हो गया कि करकी माइनर पर कोई अरविंद कुमार मौर्य नाम का दुकानदार है जो इस साजिश का मुख्य कर्ता धर्ता है इसलिए अगर कोई अन्य जाती का दुकानदार जो एक विशेष जाती का न हो वह सावधान रहें उसके साथ भी ये कार्यवाही हो सकती है।