सोनभद्र- दुःखद बड़हर रियासत के राजा आभूषण ब्रह्मशाह के पुत्र कुंवर अभ्युदय ब्रह्मशाह का मंगलवार को हृदयगति रुकने से निधन हो गया।

तेजस्वी न्यूज़ लाइव उत्तर प्रदेश

सवांदाता- विजय अग्रहरि/ उमाशंकर दुबे/ कमलेश पाण्डेय, घोरावल



घोरावल। बड़हर रियासत के राजा आभूषण ब्रह्मशाह के पुत्र कुंवर अभ्युदय ब्रह्मशाह का मंगलवार को हृदयगति रुकने से निधन हो गया। कुंवर की तबियत बिगड़ने पर परिजन इलाज के लिए वाराणसी लेकर जा रहे थे। रास्ते में ही उनका निधन हो गया। कुंवर का इसी वर्ष विवाह हुआ था। वह राजा बड़हर के इकलौते पुत्र थे।



बड़हर स्टेट के युवराज का निधन, देश-विदेश के शुभचिंतकों में शोक 


पूर्व बड़हर रियासत के राजा आभूषण ब्रह्म शाह के पुत्र कुंवर अभ्युदय ब्रह्मशाह(30) का मंगलवार को अपराह्न हृदयगति रुकने से निधन हो गया। शाहगंज थाना क्षेत्र के राजपुर गांव निवासी कुंवर का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने परिजन वाराणसी लेकर जा रहे थे। रास्ते में उनका निधन हो गया।  राजा बड़हर के इकलौते पुत्र कुंवर अभ्युदय ब्रह्मशाह मिलनसार स्वभाव के थे। कुंवर के असामयिक निधन से देश-विदेश के उनके शुभचिंतकों में शोक है।स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन जनपद सोनभद्र की एक अति आवश्यक बैठक डॉ प्रसन्न पटेल की अध्यक्षता में उनके आवास पर संपन्न हुई। आपात बैठक में जनपद सोनभद्र के बडहर राज्य के युवराज अभ्युदय ब्रम्हशाह कुँअर साहब आकस्मिक निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की गई तथा एक शोक सभा किया गया तथा सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि जनपद के समस्त शैक्षणिक संस्थान 2 दिन कल और परसों शोक  में पूरी तरह से बंद रहेंगे और सारे कामकाज ठप रहेंगे।डॉ प्रसन्न पटेल ने बताया कि छोटे महाराज बड़े महाराज सभी सरल स्वभाव के थे। क्षेत्र की आन बान शान माने जाते थे। गरीबों के मसीहा के रूप में उनकी पहचान थी। उनके सामने कोई भी व्यक्ति अपने समस्या को लेकर जाता था तो निराशा और खाली हाथ वापस नहीं आता था। ऐसे व्यक्तित्व का असमय जाना।युवराज जनपद की जनपद के साथ-साथ राष्ट्र की एक धरोहर थे जिनकी छती अपूरणीय है जिसे कभी भी पूरा नहीं किया जा सकता। इस दुःख की घड़ी मे  बड़हर नरेश को ईश्वर साहस और संबल प्रदान करें कि वह इस दुख की घड़ी में पूरे परिवार को दुःख सहने का साहस प्रदान करे श्री प्रमोद जी महिला महाविद्यालय के प्रबंधक डॉ सुधीर मिश्र ने कहा कि युवराज का निधन बड़हर राज्य ही नहीं सोनभद्र ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश और पूरे राष्ट्र की अपूरणीय है जिसकी भरपाई किसी भी हाल में संभव नहीं है। इस हाल में बड़े महाराज जी को दुख सहने के लिए ईश्वर संबल प्रदान करें।

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